सावन का पहला सोमवार आज: श्री मनमहेश स्वरूप में प्रथम नगर भ्रमण पर निकलेंगे बाबा महाकाल, रामघाट पर माँ क्षिप्रा के जल से होगा श्री महाकालेश्वर का अभिषेक और पूजन!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन नगरी में इन दिनों श्रावण-भाद्रपद माह की भक्ति और उत्सव की अनूठी छटा बिखरी हुई है। ऐसे में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की विशेष कृपा इस माह अपने भक्तों पर और भी विशेष रूप से बरस रही है। श्रावण-भाद्रपद के इन पावन दिनों में भगवान श्री महाकालेश्वर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते हैं। ऐसे में आज यानि की सावन के प्रथम सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर वैदिक मंत्रों की उद्घोष के बीच श्री मनमहेश स्वरूप में रजत पालकी में विराजमान होकर नगरवासियों का हालचाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलने वाले हैं।

इस अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री प्रथम कौशिक के अनुसार, परंपरा अनुसार सबसे पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। मंत्रोच्चार, शंख-ध्वनि और वैदिक ऋचाओं के बीच जब भगवान की आराधना पूरी होगी, तब श्री मनमहेश रजत पालकी में विराजमान होंगे और पूरा मंदिर परिसर हर हर महादेव के जयघोष से गूंज उठेगा।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को विधिवत सलामी दी जाएगी। इसके बाद भगवान की पालकी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई श्रद्धा और भक्ति की लहरों के बीच रामघाट पहुँचेगी। वहाँ माँ क्षिप्रा के पावन जल से भगवान श्री महाकालेश्वर का अभिषेक और पूजन किया जाएगा। इसके उपरांत पालकी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार व गुदरी बाजार से होती हुई पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी।

इस वर्ष मंदिर प्रबंध समिति इस अलौकिक सवारी का सजीव प्रसारण अपने फेसबुक पेज पर भी करने जा रही है। इसके अलावा सवारी मार्ग में चलित रथों में एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएंगी, जिससे मार्ग में खड़े श्रद्धालुओं को सजीव दर्शन का लाभ मिल सकेगा। इस चलित रथ में विशेष लाइव बॉक्स की तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जिससे बिना किसी व्यवधान के पूरे मार्ग पर लाइव प्रसारण होता रहेगा।

सवारी को सुव्यवस्थित और भक्तिमय बनाए रखने के लिए मंदिर समिति द्वारा अपील की जाएगी कि व्यापारीगण अपने प्रतिष्ठानों के बाहर भट्टी न जलाएँ, तेल के कड़ाहे न रखें। दर्शनार्थियों से अनुरोध किया जाएगा कि वे उल्टी दिशा में न चलें और जब तक पालकी निकल न जाए अपने स्थान पर खड़े रहें। साथ ही गलियों में वाहन न रखें। भक्तों से यह भी कहा जाएगा कि सवारी मार्ग में सिक्के, नारियल, केले, फल आदि न फेंकें, न ही प्रसाद या चित्र वितरण करें और पालकी के समीप अनावश्यक भीड़ न लगाएँ।

इस पावन सवारी में केवल परंपरा अनुसार चुनी गई नौ भजन मंडलियां और झांझ-डमरू दल ही सम्मिलित होंगे, जो भगवान श्री महाकालेश्वर के नगर भ्रमण को संगीतमय भक्ति से और भी भव्य बना देंगे।

इस प्रकार जब भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम श्रावण सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी, तो उज्जैन की धरती पुनः भगवान शंकर की विशेष कृपा से आप्लावित हो जाएगी। इस दृश्य के दर्शन मात्र से भक्तों का मन पवित्र होगा और उनके जीवन में सुख-समृद्धि तथा कल्याण की कामना जाग्रत होगी।

 

Leave a Comment